✒️ कुमुद रंजन सिंह, पत्रकार
नई दिल्ली: नेपाल में युवा पीढ़ी (Gen Z) सरकार के खिलाफ भयानक रूप से हिंसक प्रदर्शन कर रही है। देश में बिगड़े हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारी बवाल के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़पों में अब तक कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 500 से ज्यादा घायल हैं। इस बीच, भारत के बाद रूस ने भी नेपाल को बड़े संकट से उभरने का आह्वान किया है। साथ ही, अपने नागरिकों को स्थिति शांत होने तक नेपाल की यात्रा से बचने की सलाह दी है।
रूस ने जारी की एडवाइजरी:
रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा गया है कि उनकी नेपाल में चल रही हिंसक स्थिति पर कड़ी नजर है। पीड़ितों में कोई रूसी नागरिक नहीं था और काठमांडू स्थित रूसी दूतावास के आसपास स्थिति शांत बनी हुई है। रूसी नागरिकों को नेपाल की यात्रा स्थगित करने के लिए कहा गया है. वहीं, जो पहले से ही नेपाल में हैं, उन्हें सतर्क रहने, भीड़ से बचने, स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने और जरूरत पड़ने पर दूतावास से संपर्क करने के लिए कहा गया है।
देश की बड़ी संस्थाओं को बनाया गया निशाना:
हिंसक युवाओं ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और जिला कोर्ट जैसी देश की बड़ी संस्थाओं को भी आग के हवाले कर दिया। कई जगहों पर आग अब तक नहीं बुझ पाई है प्रदर्शनकारियों ने मुख्य प्रशासनिक केंद्र सिंह दरबार, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री ओली सहित शीर्ष राजनीतिक नेताओं के आवास और प्रमुख राजनीतिक दलों के मुख्यालयों सहित महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों को भी नहीं छोड़ा है। हर जगह तोड़फोड़ की गई।
नेपाल हिंसा को लेकर अब तक के पांच लेटेस्ट अपडेट:
हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच नेपाल के सभी हवाई अड्डे बंद कर दिए गए हैं। सुरक्षा कारणों से उड़ानें रोक दी गईं हैं। काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अब सेना का कब्जा है। त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ानें बुधवार शाम 6 बजे तक निलंबित रहेंगी।भारी विरोध प्रदर्शन की वजह से बड़े पैमाने पर जेल से कैदियों के भागने की भी खबर सामने आई है। अकेले पोखरा जेल से लगभग 900 कैदी फरार हो गए हैं। वहीं, काठमांडू की नाखू जेल पर प्रदर्शनकारियों ने हमला बोल दिया था। जिसकी वजह से सभी कैदियों को रिहा कर दिया गया है। इसके अलावा, महोत्तरी के जलेश्वर जेल से कुल 572 कैदी भाग गए, जब बाहर प्रदर्शनकारियों और अंदर कैदियों ने मिलकर जेल की दीवार गिरा दी।
नेपाल के सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों में से एक ‘पशुपतिनाथ मंदिर‘ को देश भर में बढ़ते हिंसक विरोध प्रदर्शनों के कारण बुधवार को दर्शनार्थियों के लिए बंद रखना का निर्णय लिया गया है। मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए नेपाली सेना को तैनात किया गया है। सुरक्षा बनाए रखने के लिए सेना प्रमुख शहरों की सड़कों पर गश्त कर रही है। नेपाली सेना के जवान सुबह से ही काठमांडू घाटी सहित प्रमुख शहरों में गश्त कर रहे हैं। सेना ने लाउडस्पीकरों के जरिए जनता से विरोध प्रदर्शनों में शामिल न होने और शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने में मदद करने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने नेपाल में विरोध प्रदर्शनों में संयम रखने और जांच करने का आग्रह किया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि वह नेपाल की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और चल रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई मौतों पर दुख व्यक्त किया है। इस बीच उन्होंने अधिकारियों से मानवाधिकार कानूनों का पालन करने का भी आह्वान किया और कहा कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण होने चाहिए, जिसमें जान-माल दोनों का सम्मान किया जाना चाहिए।

कौन हैं सुशीला कार्की ? जो बनी नेपाल की प्रथम महिला प्रधानमंत्री !
नेपाल की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनीं सुशीला कार्की
नेपाल के मौजूदा हालत क्या हैं ? तस्वीरों के माध्यम से जाने !
Nepal protests: 24 घंटे के बाद काठमांडू इंटरनेशनल एयरपोर्ट चालू, नेपाल की सेना ने संभाली कमान
नेपाल जेल ब्रेक: 550 कैदी फरार, बिहार बॉर्डर पर हाई अलर्ट – 10 गिरफ्तार
रेलवे का नया नियम, अगर आप भी ट्रैन से यात्रा करते हैं तो ये ख़बर आपके लिए है !