✒️ कुमुद रंजन सिंह, पत्रकार
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह याचिका विकास त्रिपाठी की ओर से दायर की गई थी।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में दर्ज हो गया था, जबकि वे उस समय भारत की नागरिक नहीं थीं। सोनिया गांधी ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन अप्रैल 1983 में दिया था और उसी साल वे भारतीय नागरिक बनीं।
याचिकाकर्ता का कहना है कि जब सोनिया गांधी 1983 में नागरिक बनीं, तो इससे पहले 1980 में वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया गया होगा, जो एक संज्ञेय अपराध है।
बताया गया कि 1982 में उनका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया था, लेकिन 1983 में दोबारा जुड़ गया। इसी आधार पर कोर्ट से एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।
हालांकि, अदालत ने अब तक न तो सोनिया गांधी को नोटिस जारी किया है और न ही दिल्ली पुलिस को। एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने फिलहाल मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

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